skip to main
|
skip to sidebar
तस्वीरघर
अनगिनत,छिटके हुए एहसासों को तस्वीरों में समेटने की कोशिश...
Sunday, September 6, 2009
ताज, जैसा मैंने देखा- 3
ताज की ओट में मुस्कुराता सूरज और बादलों की अठखेली इस तस्वीर को मेरे लिए ख़ास बनाती है।
2 comments:
ओम आर्य
September 6, 2009 at 3:31 PM
bahut hi sundar tasweer
Reply
Delete
Replies
Reply
Udan Tashtari
September 6, 2009 at 5:45 PM
सुन्दर.
Reply
Delete
Replies
Reply
Add comment
Load more...
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
किसी भी तस्वीर को बड़े आकार में देखने के लिए उस पर क्लिक करें। अगर उसका व्यवसायिक इस्तेमाल करना चाहें तो ईमेल करें- laughingprabuddha@gmail.com
'गैंग काम पर है'
मुफ़्त में 5 तस्वीरें
Custom Search
जो तुमको हो पसंद...
सिर्फ़ तस्वीरें नहीं लेता, लिखता भी हूं !
इसी बहाने
Followers
तस्वीर...समय की
ये ठहरी मेरी तस्वीर
आप भी आइए...
एल्बम
►
2010
(6)
►
June
(1)
►
May
(2)
►
April
(2)
►
March
(1)
▼
2009
(12)
►
November
(1)
►
October
(1)
▼
September
(10)
गेटवे ऑफ़ इंडिया शॉट फ़्रॉम अ गेट
जब सूरज को जेल हुई
अधबनी बिल्डिंग फ़ायदेमंद भी हो सकती है !
ये कालीन प्रकृति ने बनाया है
सूरज की करामात
मेरा जग रोशन
ताज, जैसा मैंने देखा- 3
ताज, जैसा मैंने देखा- 2
ताज, जैसा मैंने देखा- 1
मां
bahut hi sundar tasweer
ReplyDeleteसुन्दर.
ReplyDelete