Sunday, March 28, 2010
अद्भुत चितेरे की दो रचनाएं
दोनों ही चित्र प्रकृति के रंगों को बख़ूबी दिखा रहे हैं। पहला, एक टिड्डा जो ताजमहल के पीछे यमुना नदी के किनारे तार की बाड़ पर आराम फ़रमा रहा है या हो सकता है, ताज को निहारने निकला हो!
दूसरा, ख़ूबसूरत भोपाल लेक पर बत्तखों के एक झुंड के बीच मासूम सी नज़र आ रही बतख का।
Subscribe to:
Posts (Atom)