Saturday, May 15, 2010

आसमां के पार शायद और भी कोई आसमां होगा...

पिछले एक साल में ज़िंदगी का पहला हवाई सफ़र किया...मन ही मन राइट ब्रदर्स का शुक्रिया अदा किया...फिर कुछ और सफ़र। जाना कि बादल इतने ख़ूबसूरत भी लग सकते हैं...जाना कि आसमां के पार वाकई कोई आसमां होता होगा और एक क्यूं कई कई होते होंगे। कहीं कहीं बादल यूं लगे जैसे किसी की डलिया से कपास उड़ कर बिखर गई हो। जहाज़ के डैनों पर अठखेलियां करती धूप विंडो सीट हासिल करने के लिए दिखाए गए जोश को सार्थक करती दिखी। इन सारे पलों को बेकार जाने देता तो नाइंसाफ़ी होती। नहीं? तो देखिए कुछ तस्वीरें न जाने कितने हज़ार फीट की ऊंचाई से।
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Tuesday, May 4, 2010

इंडिया गेट की ये तस्वीर रह गई थी...

कुछ दिन पहले इंडिया गेट की कुछ तस्वीरें अपलोड की थीं...आपकी क़ीमती प्रतिक्रियायें भी मिलीं...लेकिन एक तस्वीर रह गई थी...इसे अब डाल रहा हूं। और ये जानना बेहद ज़रूरी है कि इस तस्वीर पर आप क्या सोचते हैं...क्यूंकि अब तक जिन लोगों को निजी तौर पर ये दिखाई गई है...बहुत दिलचस्प प्रतिक्रियायें मिली हैं।
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