पिछले एक साल में
ज़िंदगी का पहला हवाई सफ़र किया...मन ही मन राइट ब्रदर्स का शुक्रिया अदा किया...फिर कुछ और सफ़र। जाना कि बादल इतने ख़ूबसूरत भी लग सकते हैं...जाना कि आसमां के पार वाकई कोई आसमां होता होगा और एक क्यूं कई कई होते होंगे। कहीं कहीं बादल यूं लगे जैसे किसी की डलिया से कपास उड़ कर बिखर गई हो। जहाज़ के डैनों पर अठखेलियां करती धूप विंडो सीट हासिल करने के लिए दिखाए गए जोश को सार्थक करती दिखी। इन सारे पलों को बेकार जाने देता तो नाइंसाफ़ी होती। नहीं? तो देखिए कुछ तस्वीरें न जाने कितने हज़ार फीट की ऊंचाई से।
(तस्वीर को बड़े आकार में देखने के लिए उस पर क्लिक करें)




